भारत समेत पूरी दुनिया में साल 2025 में कुल दो सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) होंगे। ये दोनों खगोलीय घटनाएं वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। आइए जानते हैं 2025 में सूर्य ग्रहण कब-कब पड़ेगा, इसका समय, सूतक काल, धार्मिक महत्व और क्या करें – क्या न करें।
2025 में सूर्य ग्रहण की तिथि और समय (Surya Grahan 2025 Date & Time in India)
सूर्य ग्रहण | तिथि | प्रकार | भारत में दृश्यता | समय (भारतीय समय अनुसार) |
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पहला सूर्य ग्रहण | 29 मार्च 2025 (शनिवार) | पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) | भारत में आंशिक रूप से दृश्य | सुबह 10:45 बजे से दोपहर 3:20 बजे तक |
दूसरा सूर्य ग्रहण | 21 सितंबर 2025 (रविवार) | आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) | भारत में दृश्य नहीं | अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका में दृश्य |
सूर्य ग्रहण क्या होता है?
जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और कुछ समय के लिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता, तब सूर्य ग्रहण होता है। यह ग्रहण पूर्ण, आंशिक या वलयाकार हो सकता है।
सूतक काल क्या होता है?
सूतक काल सूर्य या चंद्र ग्रहण के पहले शुरू होता है और ग्रहण समाप्त होने तक चलता है। यह काल धार्मिक कार्यों के लिए निषिद्ध माना जाता है।
सूतक काल की गणना (29 मार्च 2025 के लिए):
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ग्रहण प्रारंभ: सुबह 10:45 बजे
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सूतक प्रारंभ: ग्रहण से 12 घंटे पहले यानी 28 मार्च रात 10:45 बजे
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सूतक समाप्त: 29 मार्च दोपहर 3:20 बजे ग्रहण के अंत के साथ
सूतक काल में भोजन, पूजा, मंदिर दर्शन, बाल कटवाना, नाखून काटना आदि वर्जित माने जाते हैं।
सूर्य ग्रहण का धार्मिक महत्व
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दान और जप: ग्रहण काल के दौरान भगवान विष्णु, शिव या सूर्य देव का जाप विशेष फलदायी होता है।
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गंगा स्नान: ग्रहण समाप्त होने पर स्नान और दान-पुण्य करना शुभ माना गया है।
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गर्भवती महिलाओं को सलाह: उन्हें ग्रहण काल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए – जैसे नुकीली चीज़ों का उपयोग न करना, बाहर न निकलना आदि।
सूर्य ग्रहण 2025: किन देशों में दिखाई देगा?
29 मार्च 2025:
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आंशिक रूप से भारत, यूरोप, रूस, उत्तरी अफ्रीका में दिखाई देगा।
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पूर्ण सूर्य ग्रहण केवल कुछ विशेष स्थानों पर ही स्पष्ट होगा।
21 सितंबर 2025:
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यह भारत में नहीं दिखाई देगा।
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अमेरिका, यूरोप, और उत्तरी अफ्रीका में आंशिक रूप से देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?
करें | न करें |
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सूर्य मंत्रों का जाप करें | भोजन न करें |
ग्रहण के बाद स्नान करें | मंदिर या पूजा स्थान न जाएं |
गर्भवती महिलाएं आराम करें | कोई भी नया कार्य शुरू न करें |
तुलसी के पौधे को ढक दें | नुकीली चीज़ों का उपयोग न करें |
सूर्य ग्रहण से जुड़ी अन्य सावधानियां
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ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें – सोलर ग्लास या स्पेशल लेंस का उपयोग करें।
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मोबाइल या कैमरा से ग्रहण की फोटो लेते समय फिल्टर का प्रयोग ज़रूरी है।
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बच्चे और बुजुर्गों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।
साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण होंगे, जिसमें 29 मार्च का ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा। धार्मिक दृष्टिकोण से यह दिन विशेष महत्व रखता है, अतः सूतक काल का पालन और आध्यात्मिक साधना शुभ मानी जाती है। ग्रहण काल में विज्ञान और अध्यात्म दोनों का संतुलन बनाकर आचरण करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – सूर्य ग्रहण 2025
प्रश्न 1: 2025 में सूर्य ग्रहण कब-कब होगा?
साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण होंगे। पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को होगा, जो आंशिक रूप से भारत में दिखाई देगा। दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा, लेकिन वह भारत में दृश्य नहीं होगा।
प्रश्न 2: क्या 29 मार्च 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में देखा जा सकता है?
हां, 29 मार्च को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के कई हिस्सों में आंशिक रूप से देखा जा सकता है, विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों में यह आंशिक दृश्य होगा।
प्रश्न 3: सूतक काल कब लगेगा और इसका क्या महत्व है?
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। 29 मार्च 2025 को लगने वाले सूर्य ग्रहण के लिए सूतक 28 मार्च की रात 10:45 बजे से शुरू हो जाएगा। धार्मिक दृष्टिकोण से सूतक काल में पूजा-पाठ, भोजन आदि करना वर्जित माना जाता है।
प्रश्न 4: सूर्य ग्रहण के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य को नहीं देखना चाहिए। विशेष सोलर ग्लास या टेलीस्कोप में फिल्टर का इस्तेमाल जरूरी है। साथ ही इस दौरान खाने-पीने, बाल कटवाने और गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने से बचना चाहिए।
प्रश्न 5: सूर्य ग्रहण के बाद स्नान और दान का क्या महत्व है?
हिंदू धर्म में ग्रहण के बाद स्नान करने और गरीबों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करने को शुभ माना जाता है। यह आत्मिक शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के लिए उपयोगी माना जाता है।
प्रश्न 6: क्या यह सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण है?
जी हां, सूर्य ग्रहण खगोलशास्त्र के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। वैज्ञानिक इस दौरान सूर्य के कोरोना, सौर वातावरण और पृथ्वी पर इसके प्रभावों का अध्ययन करते हैं।
29 मार्च 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा, जबकि 21 सितंबर का ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। धार्मिक लोगों के लिए यह समय पूजा, मंत्र जाप और ध्यान का है, वहीं विज्ञान प्रेमियों के लिए यह खगोलीय घटना अध्ययन का सुनहरा अवसर है। सुरक्षित तरीके से ग्रहण को देखें और नियमों का पालन करें।